deputy government in haryana
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Editorial:हरियाणा में नायब सरकार के फैसले बन रहे जनमानस में नजीर

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The decisions of the Deputy Government in Haryana are becoming an example in the minds of the people: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रति दिन राज्य में नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, वहीं सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बयानों की धार भी तेज होती जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य की प्रशासनिक मशीनरी में बड़ा बदलाव किया है, वहीं राजनीतिक तौर पर भी दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल किया जा रहा है। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भी मोर्चेबंदी तेज कर दी गई है। निश्चित रूप से इस बार के विधानसभा चुनाव राज्य में काफी हद तक निर्णायक साबित होने वाले हैं।  प्रदेश में अक्तूबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले आचार संहिता लगेगी। निश्चित रूप से सरकार के पास नई योजनाओं को लागू करने और पहले से जारी योजनाओं को समय पर पूरा करने की चुनौती है।

हालांकि अनेक ऐसी घोषणाएं हैं, जोकि तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं और उनके जरिये सरकार प्रदेश के लोगों को अपने विकासात्मक होने का प्रमाण दे रही है। इनमें एक बड़ी घोषणा बलिदानी सैनिकों और पुलिस जवानों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये देने की है। इससे पहले यह राशि 50 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ा दिया गया है। ऐसी योजनाएं दूसरे राज्यों में भी संचालित हैं, लेकिन निश्चित रूप से 1 करोड़ रुपये की राशि बड़ी है, बावजूद इसके वीर सैनिकों की शहादत के समक्ष यह राशि भी कम है। लेकिन प्रदेश सरकार ने अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए अनुग्रह राशि को जिस प्रकार से बढ़ाया है, वह बलिदानी सैनिकों और पुलिस जवानों के आश्रितों के परिवारों को बड़ी राहत देगा।  इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता सेनानियों, हिंदी आंदोलन के मातृभाषा सत्याग्रहियों व आपातकाल के सत्याग्रहियों की मासिक पेंशन को बढ़ाना भी अत्यंत प्रशंसनीय है।

इन महानुभावों और उनके परिजनों का यह राशि उस साहस की कृतज्ञता स्वरूप है, जोकि उन्होंने उस समय प्रदर्शित किया था, जब संविधान वास्तव में संकट में था।  वास्तव में संविधान का गौरव तभी है, जब उसे लागू करने वाले भी उतने ही सजग एवं निष्ठावान होंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सिंह का यह कहना कि लोकतंत्र को  स्थापित करने और संविधान की मर्यादा को बचाने के लिए आपातकाल के दौरान लड़ाई लड़ने वाले सत्याग्रहियों को नमन किया जाना वास्तव में ही आवश्यक है। आखिर उन सत्याग्रहियों को यह समाज कैसे भूल सकता है। उन्होंने अपने जीवन की बाजी लगाकर संविधान को बचाने की आवाज को बुलंद किया।

गौरतलब है कि सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में कई योजनाएं शुरू की हैं। हरियाणा राज्य शुभ्र ज्योत्सना पेंशन योजना दिसंबर 2017 से शुरू की गई थी। इसके तहत 501 लोकतंत्र सेनानियों और उनकी विधवाओं को मासिक पेंशन दी जा रही है। पहली जुलाई, 2024 से उनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये की गई है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा रोडवेज की सामान्य बसों में मुफ्त यात्रा और वोल्वो बसों में 75 प्रतिशत किराया माफ किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की सुविधा प्रदान की जा रही है।

 मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अजा वर्ग की चौपालों की मरम्मत के लिए जहां 100 करोड़ रुपये जारी किए हैं, वहीं इसी वर्ग के गरीब लोगों को सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री भी सौंपी है।  इस बार के विधानसभा चुनाव भी राज्य में बेहद निर्णायक साबित होने वाले हैं। यह कितना खूब है कि हरियाणा जैसे प्रदेश के लोगों ने भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें देकर दोनों की स्वीकार्यता को समान रखा है। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में मतदाता का मन दो विभिन्न तरह से काम करता है। उसका नजरिया उन योजनाओं की वजह से बनता और बिगड़ता है जोकि उसके जीवन को सहज या दुर्गम बनाती हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि जनता को इसका अहसास हो कि उसकी मुश्किलों के समाधान के लिए सरकार तत्पर है। मुख्यमंत्री नायब सैनी अपनी सरकार के माध्यम से जनहितैषी निर्णय ले रहे हैं और विकास योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे प्रदेश में आशा और उम्मीदों का माहौल बन रहा है।

हालांकि जनमानस में बदलाव निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इस बार के लोकसभा चुनाव ने यह बताया है कि कुशल रणनीति के बूते ही राजनीतिक दल चुनाव जीत सकते हैं। मुद्दे उठते हैं, लेकिन उन मुद्दों का स्वाभाविक होना भी जरूरी है। जनता को यह तय करना है कि वह प्रदेश के भविष्य के संबंध में क्या सोचती है। 

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